पाकिस्तान दौरे पर श्रीलंकाई खिलाड़ियों के साथ हुआ था बंधकों जैसा व्यवहार

हाल ही में संपन्न हुई श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे ने एक बार फिर से एक नए विवाद को जन्म दे दिया है दरअसल श्रीलंका की टीम तीन टी-20 और पाकिस्तान दौरे पर श्रीलंकाई खिलाड़ियों के साथ हुआ था बंधकों जैसा व्यवहार वनडे मैचों के लिए पाकिस्तान के दौरे पर थी पाकिस्तान मेजबानी के बाद इतना खुश था कि वह खुद ही अपनी पीठ थपथपा रहा था लेकिन जैसे ही दौरा खत्म हुआ श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शम्मी सिल्वा ने खुलासा करते हुए बताया कि पाकिस्तान में जिस तरह से श्रीलंकाई खिलाड़ियों के साथ व्यवहार किया गया वह काफी निराशाजनक है दरअसल 10 सालों बाद कोई बड़ी टीम पाकिस्तान में द्विपक्षीय सीरीज खेलने पहुंची थी सुरक्षा कारणों से श्रीलंका के 10 प्रमुख खिलाड़ियों ने पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार भी कर दिया था परंतु फिर भी श्रीलंकाई बोर्ड ने युवा खिलाड़ियों को पाकिस्तान भेजा श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शमी सिल्वा के अनुसार पाकिस्तान के दौरे पर श्रीलंकाई खिलाड़ियों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया गया श्रीलंकाई खिलाड़ियों को होटल के अंदर ही किसी कैदी की तरह रहना पड़ा किसी खिलाड़ी को होटल से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई खिलाड़ी केवल मैच के दौरान ही होटल से बाहर निकल पाए उन्होंने कहा कि खिलाड़ी 3 से 4 दिन तक कमरे में रहकर परेशान हो गए थे खिलाड़ियों को रिलैक्स होने के लिए दूसरी गतिविधियां भी जरूरी है लेकिन पाकिस्तान में ऐसा कुछ नहीं हो पाया ज्ञात हो कि वर्ष 2009 में जब श्रीलंका की टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी तब बीच मैदान में ही आतंकियों ने बम गिरा दिए थे जिसमें श्रीलंका के खिलाड़ियों को काफी चोट भी आई थी आनन-फानन में श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को वापस बुला लिया और तब से अब तक किसी भी बड़ी टीम में पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था परंतु पाकिस्तान की इस हरकत से वहां के सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है

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