एक्टर बनने को लेकर कभी रिश्तेदारों और दोस्तों ने उड़ाया था मज़ाक: अभिनेता अनंत सारस्वत

एक्टर बनने को लेकर कभी रिश्तेदारों और दोस्तों ने उड़ाया था मज़ाक: अभिनेता अनंत सारस्वत


हाल में ही हिन्दी फ़िल्म दबिश का पहला शेड्यूल पूरा करके लौटा हूं. हममें से बहुत लोग ऐसे होते हैं,जो अपने मन के मुताबिक काम नहीं कर पाते हैं, चंद लोग ऐसे होते हैं,जिन्हें आशीर्वाद मिला है,वह कर सकते हैं,वो चीजें जो उन्होंने सोची हैं, वैसे भी इंसान जीवनभर संघर्ष करता रहता है,पर हमें खुद से कभी हार नहीं माननी चाहिए. मेरे जीवन में एक समय ऐसा था,












मेरे पास खाने के लिए पैसे नहीं थे,और कई महीने तक गुरुद्वारे में खाना खाता रहा, अच्छे कपड़े नहीं होने की वजह से बहुत जगह मैं आडिशन नहीं दे पाता था,बहुत समय तक मेरा छोटे भाई अपने कपड़े मुझे देता रहा,मेरे छोटे भाई बहन अपने खर्चे के पैसे मुझे दिया करते थे,जिससे मैं मुम्बई में टिक पाया, मेरे पिता को 8 हज़ार रुपया महीने की पगार मिलती है, जिसमें से हर महीने 5 हज़ार वह मुझे भेजते थे,और मैं घर का भाड़ा भर पाता,अभिनेता बनने मैं मुझ से ज्यादा मेरे परिवार ने संघर्ष किया है,मेरे अभिनेता बनने की ख़बर मेरे रिश्तेदारों और कुछ दोस्तों को हुई तो उन्होंने मेरा ख़ूब मज़ाक उड़ाया,










लेकिन मैं कभी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुआ और उसी ईमानदारी से अपना काम करता रहा. 8 साल तक मैं एक ब्रांडेड चश्में का इंतजार करता रहा, मेरे पास इतने पैसे नहीं आए कि एक चश्मा ख़रीद सकूं. मेरी मां ने एक साल के लिए ज़मीन किसी और को देकर मुझे पहला एंड्रॉयड फोन दिलवाया जिसकी मुझे बेहद जरूरत थी,












फ़ोन की वजह से मैं कई जगह अपना प्रोफाइल तक नहीं भेज पाता था. इंडस्ट्री में कदम रखते ही मुझे कई तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, मेरी आवाज़ अच्छी नहीं थी, शब्दों को सही तरीके से बोल नहीं पाता और मैं एक छोटे से गांव से अपना सपना लेकर मुंबई जो पहुंच गया कई लोगों ने मुझे इतना डरा दिया, कास्टिंग डायरेक्टर मुझे ब्लैक लिस्ट में डाल देगें ये कर देगें वो कर देगें,लेकिन ज़िद थी ,जिसके लिए आया हुं वही करूंगा,
















जिन लोगों ने मेरी आलोचना की,उन्हीं लोगों ने मुझे और ज्यादा संघर्ष करने को प्रेरित किया. मुझे लगता है, एक मित्र आपके जीवन मै ईश्वर ऐसा भेजता है,जो बड़े से बड़े युद्ध को बहुत छोटा सा देता है,ऐसा मित्र ईश्वर ने मेरे पास भी भेज दिया था, उन्होंने कहा,अनंत मुंबई हमारे लिए एक रण भूमि है,और हम सैनिक, सैनिक का काम क्या होता है,बस इसे पहचानो, मैंने उनकी बात को बड़े गंभीरता से सुना और मैंने एक सैनिक की तरह रणभूमि में अपना युद्ध शुरू कर दिया.



















इस वर्ष मेरी तीन फिल्में रिलीज होने जा रही हैं इन फ़िल्मों में मैंने मुख्य विलेन की भूमिका निभाई है. मैं यही कहना चाहूंगा,अगर आप अपने काम के प्रति ईमानदार हैं, तो कोई ताकत आपको अपना काम करने से रोक नहीं सकती है और पुरी कायनात आपकी मदद के लिए जुड़ जाती है. जीवन में आपको अपने से बड़ों का आशीर्वाद और ईश्वर का ध्यान जरुर करना चाहिए इसका असर आपको अपने काम पर भी दिखता है.

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