आलोचना भी है फायदेमंद

 दोस्तों अक्सर ऐसा होता है कि जब आपकी कोई तारीफ करता है तो आप इतने खुश हो जाते हैं कि चाहे वह तारीफ झूठी ही क्यों ना हो लेकिन हम उसे सच्चाई मान लेते हैं और हमारी खुशी कई गुना बढ़ जाती है



वहीं दूसरी तरफ अगर कोई आपकी आलोचना कर करें तो आपका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है अपनी आलोचना सुनने के बाद निराश हो जाते हैं और आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है



लेकिन अपने किसी भी काम में परफेक्शन लाने के लिए आलोचना को स्वीकार करना भी जरूरी है इससे हम अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास करते हैं जिससे हम उस काम को और बेहतर तरीके से कर सकें




क्योंकि जब हमारी कोई अधिक तारीफ कर देता है तो उसी तारीफ के कारण हम अपने काम को लेकर इतनी मेहनत नहीं करते

इसलिए तारीफ के साथ-साथ आलोचना को स्वीकार करना भी जरूरी है

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