बच्चों को भी सिखाएं मनी मैनेजमेंट

बच्चों को बचपन में ही बचत करने की सीख उन्हें भविष्य में फिजूल खर्च करने से बचाती है अक्सर हम बच्चों को लाड प्यार में पैसों के महत्व को बताना भूल ही जाते हैं जिस कारण आगे चलकर भी उन्हें पैसों की अहमियत समझ नहीं आती






8 से 10 साल की उम्र में बच्चे दूसरों से अपनी तुलना करना शुरू कर देते हैं इस उम्र में बच्चों को मनी मैनेजमेंट के बारे में बताना शुरू कर देना चाहिए
ऐसा करने से वह दूसरों से अपनी तुलना करना भी छोड़ देंगे और साथ ही अपने द्वारा जोड़े गए पैसों को भी सोच समझ कर ही खर्च करेंगे





सही मायनों में अधिक धन के प्रवाह में बीतने वाले बचपन से जरूरी है कि बच्चे का बचपन स्वाभाविक रूप से बीते जो उसके शारीरिक विकास और मानसिक दोनों के लिए अच्छा है
जैसे ही बच्चे समझदार होते हैं तो उन्हें अलग कमरा दे दिया जाता है तो फिर पैसों से जुड़े मामलों से उन्हें क्यों दूर रखा जाता है






अक्सर माता-पिता यह गलती करते हैं जब अपने बच्चे से कहते हैं कि आपको जो कुछ भी चाहिए हमें बताइए हम आपको लाकर देंगे
उस स्थिति में बच्चे की डिमांड बढ़ जाती हैं और वह चाहता है कि उसकी महंगी से महंगी हर डिमांड पूरी हो जो हर माता-पिता के लिए संभव नहीं होता



इसलिए बच्चों को शुरू से ही मनी मैनेजमेंट की सीख देकर आप उन्हें बहुत ही आसानी से पैसों की अहमियत को समझा सकते हैं

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